भारत में पर्यटन (Tourism in India) में सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला उद्योग है। भारत में पर्यटन में उच्च लाभ कमाने वाले उद्योग के रूप में विकसित होने की अपार संभावनाएं हैं। भारत एक लोकप्रिय पर्यटक देश है और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा है। सुरम्य परिदृश्य, हिल स्टेशन, ऐतिहासिक स्थल, वास्तुकला और स्मारक, समुद्र तट और मनमोहक बैकवाटर, धार्मिक रुचि के स्थान भारत को दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा स्थान बनाते हैं।
भारत की पर्यटन नीतियाँ
पहली पर्यटन नीति की घोषणा भारत सरकार द्वारा नवंबर, 1982 में की गई थी। पहली पर्यटन नीति का उद्देश्य आर्थिक विकास और सामाजिक एकीकरण के साधन के रूप में स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना था।
इसका उद्देश्य विदेशों में गौरवशाली अतीत, जीवंत वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य वाले देश के रूप में भारत की छवि को बढ़ावा देना भी था। भारत सरकार द्वारा अगली प्रमुख पर्यटन नीति की घोषणा 2002 में की गई थी। इस नीति में 1982 की पहली पर्यटन नीति में उल्लिखित छह क्षेत्रों के अलावा एक और प्रमुख क्षेत्र को ध्यान में रखा गया था, वह है सफाई।
सरकार ने भारतीय पर्यटन (tourism in india) उत्पादों और स्थिरता में विविधता लाने, पर्यटन बुनियादी ढांचे, विपणन, वीजा व्यवस्था और हवाई यात्रा की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रस्ताव रखा। नीति के साथ-साथ अतुल्य भारत अभियान भारतीय संस्कृति और इतिहास के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करके भारत को एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था।
भारत के लिए पर्यटन उद्योग के लाभ
इसमें बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने और बढ़ाने की क्षमता है. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के युग में, भारत में पर्यटन उद्योग अरबों डॉलर का उद्योग बन गया है। इससे पूरे देश में परिवहन और बुनियादी सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है
बड़ी संख्या में पर्यटन से जुड़े और संबद्ध व्यवसायों के कारण पर्यटन सेवा क्षेत्र को भी बढ़ावा देता है। सेवा क्षेत्र जैसे एयरलाइंस, होटल, इसके अलावा पर्यटन के कई लाभ हैं जैसे
आर्थिक विकास: पर्यटन उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है। यह लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है, सीमांत इकाइयों में आर्थिक विकास को सुनिश्चित करता है, और देश के अंतरराष्ट्रीय धारा को बढ़ावा देता है।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान: जब लोग एक देश से दुसरे देश में घूमने जाते हैं तो इससे सांस्कृतिक आदान प्रदान होता है भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को विश्वभर में प्रस्तुत करने का माध्यम बनता है। यहां के पर्यटन स्थल जैसे कि ताजमहल, खजुराहो, वाराणसी आदि विश्व भर में लोकप्रिय हैं।
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण: पर्यटन उद्योग ने भारत के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए जागरूकता बढ़ाई है। यहां के वन्य जीवन, नेशनल पार्क्स और अन्य संरक्षित क्षेत्र इस उद्योग के माध्यम से देखभाल और समर्थन प्राप्त करते हैं।
सामाजिक विकास: पर्यटन से जुड़े स्थानीयi लोगों का विकास होता जो आगे जो ददेश के विकास में योगदान देते हैंI इससे समाज में समरसता और विकास के लिए आत्मविश्वास और स्वावलंबन प्राप्त होता है।
राजनीतिक पहचान: अच्छे पर्यटन संरचनाएँ भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान में मदद करती हैं और भारत को ग्लोबल पहचान में मजबूत करती हैं।
पर्यटन क्षेत्र में मुद्दे और चुनौतियाँ
कनेक्टिविटी की समस्या : भारत में कनेक्टिविटी किस समस्या बहुत बड़ी खासकर नार्थ ईस्ट के लिए यदि कोई घूमना चाहे तो रेल से कुछ राज्य तक रेल से नहीं जा सकता हालाँकि पहले से कनेक्टिविटी अच्छी हुए इसके अलावा स्वक्षता, होटल आदि समस्याये हैं
सुरक्षा : भारत में सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है भारत में भ्रमण करने वाले विदेशी या देशी नागरिक के लिए सुरक्षा चिंता का विषय हैं आये दिन हम कभी महिलाओ के साथ छेड़ -छाड़ का मामला भी सामने आता हैं
स्थानीय समुदायों का हिस्सा न होना: कई बार पर्यटन के विकास में स्थानीय लोगों को विशेष प्राथमिकता नहीं दी जाती है, जिसके कारण समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। स्थानीय समुदायों को प्रेरित करने और समर्थन प्रदान करने के लिए संवाद और साझेदारी की आवश्यकता है।
पर्यटन संरचनाओं का अधिक विकास: कुछ स्थानों पर पर्यटन संरचनाओं का अधिक विकास होने से प्राकृतिक संसाधनों को क्षति पहुंच सकती है। इसलिए सम्मति और समायोजन के साथ ही विकास की योजना बनाना आवश्यक है।