बादल फटना (Cloudburst) क्या है? ( What is cloud burst)
जब अचानक भारी बारिश होती है, तो उसे बादल फटना कहते है। यह अक्सर एक छोटे से क्षेत्र में थोड़े समय के भीतर होता है। भारी बारिश से जलस्तर तेजी से बढ़ता है, जो अचानक बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन सकता है।
मौसम विज्ञानी कहते हैं कि यदि एक घंटे में 100 मिमी या अधिक बारिश होती है, तो इसे बादल फटना कहा जाता है। साइंटिफिक भाषा में इसे ‘क्लाउडबर्स्ट’ या ‘फ्लैश फ्लड’ भी कहते हैं। बादल फटना आम तौर पर जमीन की सतह से 12-15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होने वाली बहुत भारी बारिश को कहते हैं।
बादल फटने के कारण होने वाली तबाही
भारी बारिश से नदियों, झरनों और नालों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है। इस तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण भयंकर बाढ़ हो सकती है। तेज बारिश की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन अधिक होते हैं। यह जमीन और संरचनाओं को अस्थिर कर सकता है और बड़ी मात्रा में मिट्टी, पत्थर और अन्य सामग्री को खिसका सकता है।
बाढ़ और भूस्खलन घरों, सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह संरचनाएं नष्ट हो सकती हैं या बहुत गंभीर रूप से खराब हो सकती हैं।
अचानक बाढ़ और भूस्खलन से लोग मर सकते हैं और बहुत से घायल हो सकते हैं। यह घटना गांवों और कस्बों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है। भारी बाढ़ और बाढ़ मिट्टी और पानी में प्रदूषण फैल सकते हैं और पेड़-पौधों को बर्बाद कर सकते हैं। वनस्पतियों और जीवों को इससे नुकसान हो सकता है।
बादल फटने की रोकथाम के उपाय
बादल फटने की रोकथाम के उपाय: मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी सही समय पर दी जानी चाहिए ताकि लोग सावधान रह सकें और आवश्यक कार्रवाई कर सकें। ताकि आपदा के समय लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके, आपातकालीन योजनाओं का निर्माण और अभ्यास करना चाहिए।
पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए बांध, तटबंध और जलाशय बनाए जाना चाहिए। यह बाढ़ को नियंत्रित करने में मदद करता है और नुकसान को कम करता है। वनस्पति को सुरक्षित रखना चाहिए ताकि मिट्टी का कटाव कम हो और जल का अवशोषण बढ़े। पेड़-पौधे मिट्टी को स्थिर बनाए रखते हैं। लोगों को ऐसे हालात के बारे में जागरूक करना चाहिए और आपदा के समय क्या करना चाहिए।बादल फटने की घटना को पूरी तरह से रोकना असंभव है, लेकिन सही सावधानी और तैयारी से इसका असर कम किया जा सकता है।
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